PM Awas Yojana New Rules: पीएम आवास योजना ग्रामीण शहरी के नए नियम जारी

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PM Awas Yojana New Rules

प्रधानमंत्री आवास योजना 2025 में केंद्र सरकार ने नए नियम लागू किए हैं, जो योजना के कार्यान्वयन को सरल और तेज बनाएंगे। इन बदलावों का उद्देश्य था उन लाखों लाभार्थियों को राहत देना जिन्हें अब तक मकान निर्माण में कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा था।

 विशेष रूप से ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में, नियमों में सुधार से लाभार्थियों को बिना देरी के और बिना किसी अतिरिक्त भार के सुरक्षित पक्का घर मिल सकेगा।

PM Awas Yojana New Rules

PM Awas Yojana New Rules अंतर्गत सरकार ने आवास निर्माण प्रक्रिया में कई सुधार किए हैं। अब लाभार्थियों को बिल्डिंग परमिट पाने में आसानी होगी, नक्शा अनुमोदन की प्रक्रिया चुस्त हो गई है, और नियमों में अधिक पारदर्शिता लाई गई है। इन नियमों का प्रमुख आकर्षण यह है कि तीन दिनों के भीतर परमिट देना अनिवार्य हो गया है। इसके अलावा, किसी भी तरह की अतिरिक्त फीस जैसे निर्माण शुल्क या नक्शा चार्ज, अब योजना के अंतर्गत नहीं लिया जाएगा। इन नियमों से लाभार्थियों को बड़े स्तर पर आर्थिक और समय से बचत होगी।

नए दिशा-निर्देश और कैसे होंगे लाभ

नए दिशा-निर्देश लाभार्थियों के लिए कई मायनों में लाभकारी हैं—पूर्व में जिन लोगों को नक्शा पास कराने में आठ से बारह महीनों का समय लग जाता था, उन्हें अब यह कार्य तीन दिन के भीतर पूरा करना है। इससे निर्माण काम तुरंत प्रारंभ हो सकेगा। यह नियम विशेष रूप से छत्तीसगढ़ और अन्य ग्रामीण राज्यों में मददगार साबित होगा, जहां कार्य तेजी से शुरू नहीं हो पाता था। इसके अलावा कोई भी छिपी हुई फीस या चार्ज लाभार्थियों को नहीं देने होंगे, जिससे गरीब परिवारों को बड़ा सहारा मिलेगा।

घर निर्माण के लिए अब नहीं देना होगा कोई शुल्क

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अब नक्शा पास कराने, परमिट प्राप्त करने या निर्माण की अन्य औपचारिकताओं के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा। यह बदलाव आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए वरदान साबित होगा। इससे वे घर निर्माण का सपना आसानी से साकार कर सकेंगे, बिना किसी वित्तीय दबाव या देरी के। इस उपाय से पहले जो लोगों को अप्रत्याशित खर्चों के कारण योजना से जुड़ने में देरी होती थी, वह भी खत्म हो जाएगी।

निर्माण के लिए क्षेत्रीय दिशा-निर्देश भी तय

नए नियमों में प्लॉट का आकार और उस पर किन शर्तों के साथ निर्माण करना है, यह भी स्पष्ट किया गया है। यदि कोई व्यक्ति 500 वर्ग फीट तक की जमीन पर मकान बनाना चाहता है, तो उसे 75% प्लॉट खाली रखना होगा। इससे शहरी और ग्रामीण इलाके में ग्रीन स्पेस और खुली जगह बनी रहेगी। वहीं, जिनके पास 800 वर्ग फीट या उससे अधिक की भूमि है, उन्हें पुराने नियमों के तहत छूट दी गई है। इन नियमों से निर्माण के दौरान अत्यधिक घनत्व को रोका जा सकता है और आवासीय इलाकों में पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में भी मदद मिलेगी।

बकाया कर नहीं देना होगा निर्माण से पहले

पहले की नीति में यदि किसी लाभार्थी पर पुराना बकाया टैक्स या जमीन का टैक्स शेष होता था, तो घर निर्माण की अनुमति नहीं मिल पाती थी। इससे कई इच्छुक लाभार्थी योजना से वंचित रह जाते थे। अब इस नियम को हटाते हुए यह स्पष्ट किया गया है कि पात्रता सफाई के बाद परमिट जारी किया जाएगा और टैक्स की वसूली बाद में की जा सकेगी। इससे विशेष रूप से उन परिवारों को राहत मिलती है जिनके पास योजना का फॉर्म शुरू तो कर दिया था, लेकिन टैक्स बकाया होने की वजह से फंस गए थे।

आवेदन की प्रक्रिया भी हुई आसान

नए नियमों के तहत आवेदन प्रक्रिया को सरल और सबके लिए सुलभ बनाया गया है। अब लाभार्थी वार्ड स्तर पर आयोजित शिविरों में जाकर आवेदन जमा कर सकता है, जहां अधिकारियों की टीम भी उपलब्ध होगी। भविष्य में ऑनलाइन आवेदन पोर्टल पर भी सुविधा शुरू की जाएगी, जिससे आवेदक मोबाइल या कंप्यूटर से घर बैठे फॉर्म भर पाएंगे। सबसे बड़ी बात यह है कि आवेदन जमा करने के तीन दिन के भीतर बिल्डिंग परमिट जारी करना अब अनिवार्य होगा। इससे योजना के लक्ष्य—समय पर घर निर्माण—को साकार किया जा सकेगा।

शहरी क्षेत्रों के लिए भी बड़ा बदलाव

ये नए नियम केवल ग्रामीण क्षेत्र तक सीमित नहीं हैं, बल्कि शहरी क्षेत्रों के लिए भी समान रूप से लागू किए गए हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 के तहत अब शहरों में योजना का लाभ उन लोगों को मिलेगा जिनके पास पहले पर्याप्त दस्तावेज या उच्च शुल्क के चलते रास्ता बंद था। साथ ही सार्वजनिक भूमि, जल स्रोतों या भविष्य के रोड नेटवर्क के किनारे मकान निर्माण पर रोक लगाई गई है। यह कदम अवैध निर्माण को रोकने, शहरी नियोजन को बेहतर बनाने और भविष्य की पुनर्रचना की जरूरतों को विफल करने के लिए लिया गया है।

सपनों का घर अब होगा हकीकत

नए नियम, पारदर्शी प्रक्रिया, बिना अतिरिक्त शुल्क और सिर्फ तीन दिन में बिल्डिंग परमिट—ये सभी पहलू गरीब, मध्यम और निम्न आय वर्ग के लिए काफी सहायक सिद्ध होंगे। हर व्यक्ति को उचित रूप से घर दिलाना सरकार का लक्ष्य है और ये नीतिगत बदलाव इसे तेजी के साथ पूरा करने में मदद करेंगे। जब परिवारों को मकान जल्दी मिलेंगे, तो सामाजिक सुरक्षा, आत्मनिर्भरता और राष्ट्रीय विकास में भी वृद्धि होगी।

सरकार का यह कदम न ही केवल एक योजना बल्कि एक जन आंदोलन बनता दिखाई दे रहा है, जो देश को सालों तक टंगी आवास समस्या से निजात दिलाएगा। आने वाले समय में जब हजारों परिवारों को अपने अपने घरों में प्रवेश मिलेगा, तब इन नियमों का असर देखने को मिलेगा।

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